बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-1 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 मनोविज्ञान के प्रश्नोत्तर
प्रश्न- शाब्दिक सीखना से आप क्या समझते हैं? शाब्दिक सीखने के अध्ययन में उपयुक्त सामग्रियाँ बताइए।
लघु प्रश्न
1. क्रमिक अधिगम विधि की व्याख्या कीजिए।
2. पूर्वाभास विधि की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
3. मौखिक सीखना के अर्थ बताइए।
उत्तर :
शाब्दिक या मौखिक सीखना
(Verbal Learning)
इसे वाचिक अधिगम भी कहते हैं। शाब्दिक सीखने मे व्यक्ति अक्षरों, अक्षरों से बने सार्थक तथा अर्थहीन शब्दों, चिन्हों तथा अकों के अर्थों को सीखता एवं समझता है। इस तरह का सीखना मुख्य रूप से मनुष्य में देखा जाता है। इसीलिए इसे मानव सीखना कहते हैं।
मार्गन तथा किंग (Margan and King, 1956) के अनुसार - "मौखिक सीखना वह सीखना है, जिसमें शब्द उत्तेजनाओं या प्रतिक्रियाओं के रूप में निहित होते हैं।"
चैपलिन (Chaplin, 1975) के अनुसार - “मौखिक सीखने का तात्पर्य सूचियों या शब्दों, निरर्थक पदों आदि के सीखने से है।
वाचिक अधिगम की सामग्री (Materials of Verbal Learning) - वाचिक अधिगम में मुख्यतः दो प्रकार की वाचिक सामग्रियों का उपयोग होता है। इन्हें सार्थक सामग्री (Meaningful Materials) तथा निरर्थक सामग्री (Meaningless Materials) का नाम देते हैं।
अक्षरों या शब्दों से निर्मित शब्द जिनका अर्थ उपलब्ध होता है उसे सार्थक सामग्री कहते हैं। निरर्थक सामग्री भी भाषा के अक्षरों से निर्मित करते हैं लेकिन उसका कोई अर्थ नहीं होता है। इनके निर्माण में स्वर एवं व्यंजन सम्मिलित होते हैं। ऐसे पदों को निरर्थक पद (Nonsense Syllables) भी कहते हैं। ऐसे शब्दों के निर्माण का कार्य सबसे पहले एंबिगहास (Ebbinghaus) ने 1885 में किया। इनका साहचर्य मूल्य कम होता है। इनके कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं-
M + Z, NEK, SIW
इस क्षेत्र में एबिगहास ने सराहनीय कार्य किया। उन्होंने 2300 निरर्थक पदों की रचना की जो प्रयुक्त होते हैं। निरर्थक पद अपरिचित होते हैं, अतः इनके अधिगम पर पूर्वानुभव का प्रभाव नहीं
पड़ता है।
वाचिक अधिगम की विधियाँ
(Methods of verbal learning)
वाचिक अधिगम की प्रमुख विधियों निम्नलिखित हैं-
1. क्रमिक या अनुक्रमिक सीखना विधि (Method of Serial learning or Sequential Learning) - इस विधि का सर्वप्रथम प्रयोग एबिगहास ने किया। इसमें निरर्थक पदों को एक-एक करके कुछ सेकण्ड के लिये खास क्रम में दिखाते हैं। प्रयोगशाला में इन पदों स्मृति पटल (memory deum) से दिखाते हैं। प्रयोज्य को यह निर्देश देते हैं कि वे पदो को उसी क्रम में याद रखें जिसमें दिखाया गया था।
2. मुक्त पुनः स्मरण विधि (Method of Free Recall) - इसमें प्रयोज्य को पदों को एक-एक करके कुछ सेकेण्ड के लिये दिखाते हैं फिर प्रत्यावहन के 25 से 30 सेकेण्ड का समय देते हैं। यहाँ प्रयोज्य को किसी भी क्रम में प्रत्यावहन की स्वतन्त्रता होती है।
3. अनुबोधन तथा पूर्वाभास विधि (Method Anticipation) - इसमें सूची के अर्थहीन पद या सार्थक पद को स्मृति पटल की सहायता से एक of Prempting and बार दो-दो सेकण्ड के लिये पहले दिखा देते हैं। इसके बाद सूची के पहले पद को दो सेकेण्ड के लिये दिखाते हैं और उसे उसके बाद आने वाले शब्द को बताना होता है। फिर, दिखाकर प्रयोगकर्ता उसे उसके बाद आने वाले शब्द का पुन स्मरण करने को कहता है। इसी प्रकार उसी शब्द को सभी पद दिखाते है। इसमें प्रयोज्य को अपने उत्तर के सही या गलत होने का पता चल जाता है। यह प्रक्रिया प्रयोगकर्ता तब तक दोहराता है जब तक निर्धारित कसौटी पर नहीं पहुँच जाता है। इसका उदाहरण इस प्रकार है -
List
XXX Neutrial Item
↓
Good
↓
Animal
↓
Bread
↓
School
↓
Book
4. युगल साहचर्य विधि (Paired Associate Method) - इस विधि में पदों को जोड़ों में प्रस्तुत करते है। इस विधि में शब्दों के जोड़े बनाकर सूची तैयार करते हैं और पहले प्रयास में पूरी सूची दिखा देते हैं। इसके बाद सूची के प्रथम युग्म का पहला शब्द प्रयोज्य को दिखाते हैं उसे उस युग्म का दूसरा शब्द बताना होता है। इस प्रकार अन्य युग्मों का पुनर्मरण कराते हैं।
युग्मित साहचर्य अधिगम
हॉथी - बैल
चाय - पानी
घर - जमीन
फूल - घास
5. प्रत्यभिज्ञान सीखना विधि (Method of Recognition Learning) - इस विधि में पदों की पूरी सूची पहले कई बार प्रयोज्य को दिखाते हैं। इसके पश्चात् इनमें नये शब्द मिलाकर एक-एक करके प्रयोज्य को दिखाते हैं। प्रयोज्य को पहले सीखे गये शब्दों का प्रत्यभिज्ञान (Recognition) करना होता है। इस विधि में पहले सीखे गये पदों तथा नये पदों मे विभेद करना सीखना होता है। इसलिये डाएमेटो (Diamanto, 1970) ने इसे मौखिक विभेद विधि (Verbal discrimination method) कहा है।
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- प्रश्न- मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिये। इसके लक्ष्य बताइये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान के उपागमों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यवहार के मनोगतिकी उपागम को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यवहारवादी उपागम क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक परिप्रेक्ष्य से क्या तात्पर्य है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मानवतावादी उपागम से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोविज्ञान की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- भगवद्गीता में मनोविज्ञान को किस प्रकार समाहित किया है? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सांख्य दर्शन में मनोविज्ञान को किस प्रकार व्याख्यित किया गया है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- बौद्ध दर्शन में मनोविज्ञान किस प्रकार परिभाषित किया गया है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि से क्या तात्पर्य है? सामाजिक परिवेश में इस विधि की क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- मनोविज्ञान की निरीक्षण विधि का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान को परिभाषित करते हुए इसकी विधियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
- प्रश्न- जब {D2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
- प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान के किन्ही दो सिद्धांतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए
- प्रश्न- दीर्घीकृत ध्यान का स्वरूप स्पष्ट करते हुए, उसके निर्धारक की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान के स्वरूप को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान तथा दीर्घीकृत अवधान की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- क्लासिकी अनुबन्धन सिद्धान्त का विवेचन कीजिए तथा प्राचीन अनुबन्धन के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- क्लासिकल अनुबंधन तथा क्लासिकल अनुबंधन को प्रभावित करने वाले तत्वों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- क्लासिकी अनुबंधन का अर्थ और उसकी आधारभूत प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम अन्तरण से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकार बताइये।
- प्रश्न- शाब्दिक सीखना से आप क्या समझते हैं? शाब्दिक सीखने के अध्ययन में उपयुक्त सामग्रियाँ बताइए।
- प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- शाब्दिक सीखना में स्तरीय विश्लेषण किस प्रकार किया जाता है?
- प्रश्न- शाब्दिक सीखना की संगठनात्मक प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीखने की प्रक्रिया में अभिप्रेरणा का महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- क्लासिकी अनुबंधन में संज्ञानात्मक कारकों की भूमिका बताइये।
- प्रश्न- अधिगम के नियमों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- परिवर्जन सीखना पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सीखने को प्रभावित करने वाले कारक।
- प्रश्न- स्मृति की परिभाषा दीजिये। स्मृति में सुधार कैसे किया जाता है?
- प्रश्न- स्मृति के प्रकारों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्मृति में संरचनात्मक एवं पुनर्सरचनात्मक प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विस्मरण के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षिप्त विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- प्रासंगिक तथा अर्थगत स्मृति से क्या आशय है? इनमें विभेद कीजिये।
- प्रश्न- अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन स्मृति को संक्षेप में बताते हुये दोनों में विभेद कीजिये।
- प्रश्न- 'व्यतिकरण धारण को प्रभावित करता है।' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्मृति के स्वरूप पर प्रकाश डालिए। स्मृति को मापने की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विस्मरण के निर्धारक और कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संकेत आधारित विस्मरण किसे कहते हैं? विस्मरण के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्मरण के प्रकार बताइयें।
- प्रश्न- अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन स्मृति में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- स्मृति सहायक प्रविधियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- विस्मरण के स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पुनः प्राप्ति संकेतों के अभाव में किस प्रकार विस्मरण होता है?
- प्रश्न- स्मृति लोप क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विस्मरण के अवशेष-प्रसक्ति समाकलन सिद्धान्त को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- ध्यान के कौन-कौन से निर्धारक होते है?
- प्रश्न- दीर्घकालीन स्मृति तथा उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ध्यान की मुख्य विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- बुद्धि के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि के संज्ञानपरक उपागम से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकारों तथा महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गिलफोर्ड के त्रिआयामी बुद्धि सिद्धान्त का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- 'बुद्धि आनुवांशिकता से प्रभावित होती है या वातावरण से। स्पष्ट कीजिये।
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- प्रश्न- वंशानुक्रम तथा वातावरण बुद्धि को किस प्रकार प्रभावित करता है?
- प्रश्न- संस्कृति परीक्षण को किस प्रकार प्रभावित करती है?
- प्रश्न- परीक्षण प्राप्तांकों की व्याख्या से क्या आशय है?
- प्रश्न- उदाहरण सहित बुद्धि-लब्धि के प्रत्यन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षणों के उपयोग बताइये।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि तथा विचलन बुद्धि लब्धि के अन्तर को उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि व बुद्धि के निर्धारक तत्व बताइये।
- प्रश्न- गार्डनर के बहुबुद्धि सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- थर्स्टन के समूह कारक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्पीयरमैन के द्विकारक सिद्धान्त के आधार पर बुद्धि की व्याख्या कीजिए।
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- प्रश्न- व्यक्तित्व कितने प्रकार के होते हैं? विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व का वर्गीकरण किस प्रकार किया है?
- प्रश्न- व्यक्तित्व के विभिन्न उपागमों या सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व पर ऑलपोर्ट के योगदान की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कैटेल द्वारा बताए गए व्यक्तित्व के शीलगुणों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
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- प्रश्न- संवेग के
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- प्रश्न- सार्वभौमिक एवं विशिष्ट संस्कृति संवेग की अभिवृत्ति के विषय में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
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- प्रश्न- संवेग के आयामों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संवेगावस्था में होने वाले परिवर्तनों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- संवेगावस्था में होने वाले बाह्य शारीरिक परिवर्तनों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- झूठ संसूचना से क्या आशय है?
- प्रश्न- संवेग तथा भाव में अन्तर बताइये।
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